अम्बिकापुर/ प्रशान्त पाण्डेय क्या अब मीडिया को ही सभी काम के लिए आगे आना होगा तब जाकर पीड़ित को न्याय मिल पाएगा क्या पुलिस अपने काम को खुद नहीं कर सकती या करना नहीं चाहती।
कुछ ऐसे ही सवाल पुलिस को कटघरे में खड़े करते हैं जिसमें पुलिस अपना काम नहीं करती मजबूरन पत्रकारों को आगे आकर लोगों को उनका हक दिलाना पड़ता है।
दिनांक 12,12,2020 को पीड़ित का बाइक चोरी हो जाता है उसकी शिकायत लेकर पीड़ित कोतवाली थाना जाता है लेकिन वहां कोतवाली पुलिस द्वारा प्रार्थी फरियाद भी नहीं सुनी जाती और नहीं उसका एफ आई आर दर्ज किया जाता है यहां तक की आवेदन की पावती तक देना भी कोतवाली अंबिकापुर के पुलिस जरूरी नहीं समझते।
अगर इस बीच प्रार्थी के चोरी हुए बाइक से किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित होती तो कोतवाली पुलिस किसे पकड़ती। इस घटना में हिंद स्वराष्ट्रकी दखल के बाद प्रार्थी के आवेदन पर बाइक चोरी का अपराध दर्ज किया गया।
दिनांक 12:12 2020 को लूंड्रा विकासखंड के पटोरा से एक परिवार किसी काम को लेकर अंबिकापुर आता है वह अपनी दुपहिया वाहन क्रमांक CG 15 CS 2785 को घड़ी चौक स्थित कलाकेंद्र मैदान में खड़ा करता है और वहां से दिनदहाड़े पीड़ित विमल कुमार पांडेय की वाहन गायब हो जाती है। जिसकी सूचना तत्काल 112 पर दी जाती है मौके पर पुलिस पहुंचकर कई सीसीटीवी फुटेज खंगालती है जिसमें एक अज्ञात व्यक्ति के द्वारा वाहन को ले जाते भी देखा जाता है कोतवाली पुलिस चोर को चोरी करने का पूरा मौका देती है। यदि उसी समय पुलिस सक्रियता दिखाती तो शायद आज चोर सलाखों के पीछे होता। लेकिन कोतवाली पुलिस पीड़ित के शिकायत पत्र पर पावती देना भी मुनासिब नहीं समझी।
हिंद स्वराष्ट्र न्यूज के दखल के बाद कल दिनांक 17,12,2020 को एफ आई आर लिखा जाता है अब सोचने वाली बात यह है कि एफ आई आर लिखने में इतने दिन का समय लिया गया है तो चोरी की गई बाइक को ढूंढने में पुलिस को कितना समय लगेगा।