रायपुर.. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविधालय मे शिक्षा के नाम पर खिलवाड़ और अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है। कृषि के क्षेत्र मे अपना भविष्य बनाने वाले छात्र छात्राओ के द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त जिलो मे कई शासकिय एवं निजी कृषि महाविधालय संचालित है । जिसमे लगभग दस हजार से अधिक छात्रों द्वारा अध्ययन किया जा रहा है। इंदीरा गाँधी कृषि विश्वविधालय रायपुर द्वारा उनके भविष्य के साथ नियम बना कर खेल खेला जा रहा है।
इंदीरा गाँधी कृषि विश्वविधालय रायपुर के नियम अनुसार आठ सेमेस्टर का चार साल का कोर्स होता है।तथा प्रत्येक सेमेस्टर मे 8 थ्योरी और 2 प्रेक्टीकल होता है I परन्तु एक सेमेस्टर का परीक्षा आयोजन के तुरंन्त पश्चात बिना पहले सेमेस्टर का परीणाम आये दूसरे सेमेस्टर का फिस जमा कराना और परिणाम आने पर लगभग 100 मे दो या चार छात्र छात्राओ के परीणाम उर्त्तीण और बाकी का दो से आठ विषय पर बेक लग जाता है । और पुन: रिचेकिंग के नाम पर दो विषय का फीस 800 रूपये आँनलाईन जमा कराया जाता है। आज उन छात्र छात्राओ का परीणाम पहले परीणाम से अंक बढ़ने के बजाय, लगभग बहुत से छात्रों का 8-10 अंक कम आया है । जो कृषि के अध्ययनरत छात्र छात्राओ के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है ।साथ ही कृषि विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों द्वारा शिक्षा व्यवस्था पर आरोप लगाते हुए कहा जा रहा है कि जब आज का उनका परीणाम सही है, तो क्या पहला जारी किया गया परीणाम वहा के प्रोफेसरो के द्वारा गलत जारी किया गया था। और आज उन छात्र छात्राओ द्वारा दो सेमेस्टर का परीक्षा एक साथ आयोजित किया जा रहा है।
बरहाल शिक्षा व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लगना लाजिमी है । ऐसे में रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय मे अध्ययनरत छात्रों को आर्थिक और मानसिक रूप से आहत होने के साथ-साथ छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहे है ।तथा इस मामले पर शिक्षा विभाग के साथ-साथ सरकार को छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ऐसे मनमाने और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले विश्वविद्यालय पर क्या तत्काल कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।