शुभम दुबे
BSNL ने अपनी सभी इकाइयों को ठेका कार्यों पर खर्चों में कटौती करने का निर्देश दिया है, जिस वजह से करीब 20 हजार कर्मचारी बेरोजगार हो सकते हैं. ये दावा बीएसएनएल की कर्मचारी यूनियन ने किया है।
बाहर किया जा चुके हैं कर्मचारी
न्यूज एजेंसी पीटीआई (PTI) की एक खबर के मुताबिक यूनियन ने यह भी दावा किया है कि कंपनी के 30,000 कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को पहले ही बाहर किया जा चुका है. साथ ही ऐसे कर्मचारियों का पिछले एक साल से अधिक का भुगतान नहीं किया गया है. बीएसएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के पुरवार को लिखे पत्र में यूनियन ने कहा है कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के बाद कंपनी की वित्तीय स्थिति और खराब हुई है. विभिन्न शहरों में श्रमबल की कमी की वजह से नेटवर्क में खराबी की समस्या बढ़ी है.
वीआरएस के बाद भी वेतन नहीं!
यूनियन ने कहा कि वीआरएस के बाद भी बीएसएनएल अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रही है. यूनियन ने कहा कि पिछले 14 माह से भुगतान नहीं होने की वजह से 13 ठेका श्रमिक आत्महत्या कर चुके हैं।
आपको बता दें कि हाल ही में बीएसएनएल ने सभी मुख्य महाप्रबंधकों को आदेश जारी कर कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों पर खर्च को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा था. आदेश में कहा गया था कि चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक चाहते हैं कि बीएसएनएल का प्रत्येक सर्किल ठेका श्रमिकों से काम नहीं लेने के बारे में तत्काल एक स्पष्ट रूपरेखा तैयार करें।