गणेश चतुर्थी आज…मूर्ति,पंडाल की ऊँचाई-चौड़ाई और विसर्जन संबंधी नियम जारी जाने जिला प्रशासन के क्या हैं आदेश…..

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बनमाली यादव

रायगढ़। कलेक्टर भीम सिंह ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव की दृष्टि से होने वाले गणेशोत्सव के संबंध में आदेश जारी किये है। जिसका वैकल्पिक एवं उक्त नियमों का अनुसरण तथा पालन करना होगा |आपको बता दें कि इस निर्देश में निम्न बातों का अनुसरण करना होगा।
जारी आदेश के तहत मूर्ति की ऊंचाई एवं चौड़ाई 4&4 फीट से अधिक न हो एवं मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15&15 फीट से अधिक नहीं होना चाहिये। पंडाल के सामने कम से कम 5000 वर्ग फीट की खुली जगह हो, पंडाल एवं सामने 5000 वर्गफीट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित न हो। मंडप/पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल न हो।
दर्शकों एवं  आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगाये जायेंगे। किसी भी समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक न हो। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करेगी जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता एवं मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा ताकि उनमें से किसी भी व्यक्ति को कोरोना संक्रमित होने पर कान्टेक्ट टे्रसिंग किया जा सके। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति 4 सीसीटीवी लगायेगा, ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कान्टेक्ट टे्रसिंग किया जा सके। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मॉस्क के नहीं जायेगा, ऐसा पाये जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किया जायेगा। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सेनेटाईजर थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर, हेंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की जायेगी।
व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बांस बल्ली से बेरिकेटिंग लगाकर कराया जायेगा। यदि कोई व्यक्ति, जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो ईलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा किया जायेगा। कन्टेनमेंट जोन मेें मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कन्टेनमेंट क्षेत्र घोषित किया जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी।
मूर्ति स्थापना के समय स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के वाद्ययंत्र ध्वनि विस्तारक यंत्र, डीजे आदि बजाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिये एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटाएस (छोटा हाथी) से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा और न ही वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी।
विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा निर्धारित रूट मार्ग एवं तिथि व समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गो से मूर्ति विसर्जन हेतु वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए जाते समय मार्ग में कहीं भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी। उपरोक्त शर्तो के साथ घरोंं में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी, यदि घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है तो कम से कम 7 दिवस पूर्व नगर निगम के संबंधित जोन कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र मय आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी। उपरोक्त सभी शर्तो के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेशानुसार जारी एसओपी का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। उक्त आदेश एवं शर्तो का उल्लंघन करने पर एपीडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्यवाही की जाएगी। जो इन सभी निर्देशों व नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा |

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