राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 19 लाख किसानों को मिलेगी 1500 करोड़ की दूसरी किस्त

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बनमाली यादव

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रदेश के 19 लाख किसानों को 1500 करोड़ की दूसरी किश्त की राशि का ऑनलाइन अंतरित करेंगे। इस अवसर पर तेंदूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2018 के प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में 232.81 करोड़ की राशि उनके खातों में और साथ ही गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं को दूसरे पखवाड़े में बेचे गए गोबर की राशि भी मिलेगी।
बता दें कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रदेश के 19 लाख किसानों को 5750 करोड़ की अनुदान सहायता राशि दी जा रही है, जिसमें प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ की राशि राजीव गांधी के शहादत दिवस 21 मई को दी गई थी। वहीं इस योजना के तहत दूसरी किश्त के रूप में 1500 करोड़ की राशि 20 अगस्त को प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में गोधन न्याय योजना के तहत दो रुपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। इस योजना के तहत 2 अगस्त से 15 अगस्त तक खरीदे गए गोबर की राशि भी विक्रेताओं को उनके खातों में अंतरित की जाएगी।
इस अवसर पर प्रदेश के 114 विकासखण्डों के अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्रहण वर्ष 2018 सीजन में 728 समितियों के 11 लाख 46 हजार 626 तेंदूपत्ता संग्राहकों को 232 करोड़ 81 लाख रूपए की प्रोत्साहन पारिश्रमिक की राशि वितरित की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल यह राशि सीधे तेंदूपत्ता संग्राहकों के खाते में आर.टी.जी.एस. के जरिए अंतरित करेंगे। तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रोत्साहन पारिश्रमिक वितरित करने के लिए संबंधित जिलों में जिला स्तर पर और 114 विकासखण्डों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विकाखण्ड स्तर पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में अधिकतम प्रोत्साहन पारिश्रमिक की राशि प्राप्त करने वाले 10 संग्राहक सदस्यों को सम्मानित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि तेंदूपत्ता संग्रहण वर्ष 2018 सीजन में प्रदेश की 880 प्राथमिक वन समितियों द्वारा कुल 14.85 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया गया था। संग्रहण पारिश्रमिक की दर वर्ष 2018 में 2500 रूपए प्रति मानक बोरा थी। वर्ष 2018 में 11 लाख 98 हजार 673 तेंदूपत्ता संग्राहकों को 371.15 करोड़ रूपए की राशि संग्रहण पारिश्रमिक के रूप में वितरित की गई थी। इन 880 समितियों में से 854 समितियों के तेंदूपत्ता का निर्वर्तन निविदा के माध्यम से किया गया है। इनमें से 728 समितियां लाभ की स्थिति में रहीं। तेंदूपत्ता व्यापार से शुद्ध लाभ की 80 प्रतिशत राशि प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में तेंदूपत्ता संग्राहकों को वितरण करने का प्रावधान राज्य शासन की नीति में है।
लाभ की स्थिति वाले 728 समितियों के 11 लाख 46 हजार 626 तेंदूपत्ता संग्राहकों को कुल 232.81 करोड़ रूपए की राशि प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में वितरित की जाएगी। ये समितियां प्रदेश के 114 विकासखण्डों के अंतर्गत स्थित है। जिन संग्राहकों के बैंक खातों का विवरण प्राप्त हो गया है, उनके खाते में यह राशि सीधे एक्सिस बैंक के माध्यम से आर.टी.जी.एस से भेजी जाएगी। जो कि हितग्राहियों को इसका समुचित विकास और लाभ होगा |

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