पौष्टिक आहार से मिटेगा कुपोषण,,,“पोषण माह” अंतर्गत विशेष जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन…

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हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : केन्द्रीय संचार ब्यूरो अंबिकापुर, सूचना एवम प्रसारण मंत्रालय का आयोजन भारत सरकार, सूचना एवम प्रसारण मंत्रालय के केन्द्रीय संचार ब्यूरो अंबिकापुर द्वारा ग्राम करजी , ब्लाक अंबिकापुर जिला सरगुजा ” पोषण माह ” अंतर्गत के अंतर्गत एक दिवसीय विशेष जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम ग्राम सरपंच प्रदीप जुवाड़ी, जनपद पंचायत सदस्य अनिल राजवाड़े ,स्थानीय जनप्रतिनिधि आशुमलगर, महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी रजनी कुजूर, स्वाथ्य विभाग से ब्लाक मेडिकल ऑफिसर डा. राहुल खुशवाहा एवं अन्य मेडिकल स्टाफ तथा बहुतायत संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। अंबिकापुर ब्यूरो प्रभारी हिमांशु सोनी ने पोषण सम्बन्धी जानकारी देते हुए कहा की एक स्वस्थ शरीर के लिए उसमें सही मात्रा में हीमोग्लोबिन का होना आवश्यक है। एक व्यकस्क व्यक्ति के शरीर में 14 से 18 मिलीग्राम और व्यआस्क. महिला के शरीर में 12 से 16 मिलीग्राम हीमोग्लोबिन हो, तभी ये कहा जा सकता है कि उनके शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर सही हैं। शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने पर कई सेहत समस्याएं होती है जैसे थकान, कमजोरी, सांस फूलना आदि। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आपके आहार में ऐसी चीजें शामिल हो जो शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने व बनाए रखने में मदद करें। विभिन्न तरह की बीमारियों से लड़ने के लिए हमारे शरीर में आयरन बेहद जरूरी है। हिमोग्लोबिन के कम होने से अनीमिया जैसी बीमारी हो सकती है। शरीर में आयरन फोलिक ऐसिड और विटामिन बी की कमी से हमारा हीमग्लोबिन लेवल घटता है, जिसके चलते हमें थकान और कमजोरी महसूस होती है। 


महिला एवं बाल विकास की परियोजना अधिकारी रजनी कुजूर ने कहा की समाज के लिए कुपोषण कलंक के समान है। कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए विभाग आंगनबाड़ी केंद्रों पर सुपोषण अभियान चला रहा है। उन्होंने कहा कि कुपोषण मिटाने के लिए बच्चों की माताओं को जागरूक होना पड़ेगा। अगर महिलाएं ठान ले तो कुछ भी असंभव नहीं है। जन्म से लेकर ढाई साल तक बच्चे के खानपान में बरती गई लापरवाही का खामियाजा उम्रभर भुगतना पड़ सकता है। 6 माह के बाद बच्चे को संक्रामक बीमारी की संभावना शुरू हो जाती है।बीमारी की चपेट से बच्चे को बचाने के लिए साफ सफाई का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। मां को कब कब अपने हाथ अच्छी तरह साबुन से धोना चाहिए इस बारे में महिलाओं को समझाया गया।
कार्यक्रम के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग के माध्यम से स्थानीय आगनबाडी के कार्यकर्ताओं द्वारा रेडी टू इट के  विभन्न व्यंजनों का स्टाल भी लगाया गया था जिससे लोगो में पोषण संबधी जागरूकता आ सके। सांथ एक सेल्फी जोन भी बनाया गया था जिसमे लोगो ने जम कर सेल्फी ली।
कार्यक्रम में स्वाथ्य विभाग के सहयोग के माध्यम से निः शुल्क चिकित्शा सिविर का भी आयोजन किया गया था। सांथ एक पोषण सम्बन्धी फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमे छोटे छोटे बच्चो ने बढ़ – चढ़ कर हिस्सा लिया। महिलाओं के मध्य “ पोषण “ विषय पर एक मेहंदी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। जिसमे महिलाओं ने बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान बिलासपुर “छ.ग. लोक कला मंच मया के मयारू”  के कलाकारों द्वारा गीत एवं नाटक के माध्यम से भी लोगो को जागरूक किया गया।

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