हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : सरगुजा जिले के उदयपुर अनुविभागीय कार्यालय में शुक्रवार की शाम एन्टी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बड़ी कार्यवाही करते हुए राजस्व प्रकरण में आदेश पारित करने के लिए 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते एसडीएम उदयपुर भागीरथी खांडे (बीआर खांडे), लिपिक धरमपाल, भृत्य अबीर राम तथा नगर सैनिक कविनाथ सिंह को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। रिश्वत के लिए बातचीत हो जाने के बाद 50 हजार की रकम एसडीएम के कहने पर लिपिक,भृत्य से होते हुए एसडीएम के सुरक्षा कर्मचारी तक पहुंचा था। इस बड़ी कार्रवाई से उदयपुर एसडीएम कार्यालय में खलबली मच गई।
जिले के राजस्व न्यायालयों में भ्रष्टाचार की शिकायतें लगातार लंबे समय से सामने आ रही थी। लोगों के सामने नहीं आने से भ्रष्टाचारियों को रंगे हाथों पकड़ने में सफलता नहीं मिल पा रही थी, लेकिन एक मामला आते ही उदयपुर एसडीएम कार्यालय में खुलेआम जारी भ्रष्टाचार का राजफाश हो गया। अंबिकापुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित ग्राम जजगा के कन्हाई राम बंजारा ने बीते 7 मई 2024 को एसीबी इकाई अंबिकापुर में यह शिकायत प्रस्तुत किया था कि ग्राम जजगा स्थित भूमि खसरा नं. 69/31, 70/1 एवं 1004/8 रकबा कमशः 0.251, 0.635 एवं 0.243 हेक्टेयर जमीन उसके तथा परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर है। कई वर्षों से वे लोग उस पर मकान बनाकर काबिज हैं किंतु उसके बड़े पिता द्वारा जमीन को केवल अपने नाम पर दर्ज कराने हेतु तहसील में आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिस पर कन्हाई राम द्वारा आपत्ति दर्ज की गई थी। तत्कालीन तहसीलदार उदयपुर के द्वारा उसके बड़े पिता, उसके तथा अन्य स्वजन के नाम पर राजस्व रिकार्ड दुरूस्त किए जाने हेतु 21 सितंबर 2022 को आदेश पारित किया गया था। उक्त आदेश के उपरांत उसके बड़े पिता के द्वारा पुनः नौ नवंबर 2022 को एसडीएम उदयपुर के पास तहसील न्यायालय के आदेश के विरुद्ध अपील प्रस्तुत किया गया था। यह प्रकरण एसडीएम न्यायालय उदयपुर में लंबित है। उक्त प्रकरण में कन्हाई राम तथा उसके अन्य स्वजन के पक्ष में आदेश पारित करने के एवज में एसडीएम उदयपुर बीआर खाण्डे के द्वारा 50 हजार रूपये रिश्वत की मांग की जा रही है। कन्हाई राम एसडीएम को रिश्वत न देकर उसे रंगे हाथ पकड़वाना चाहता था। एसीबी इकाई अंबिकापुर को शिकायत प्राप्त होने पर शिकायत का सत्यापन कराया गया। शिकायत सही पाई गई। एसडीएम उदयपुर बीआर खाण्डे को रिश्वत की रकम लेते समय पकड़ने की योजना के तहत शुक्रवार को प्रार्थी कन्हाई राम बंजारा को एसडीएम को रिश्वत की रकम देने हेतु एसडीएम कार्यालय उदयपुर भेजा गया। एसडीएम कार्यालय के आसपास एसीबी के अधिकारी-कर्मचारी मुस्तैद रहे। रिश्वत लेन देन के संबंध में एसडीएम से चर्चा करने पर एसडीएम के द्वारा रिश्वत की रकम 50 रूपये लिपिक धरमपाल को देने हेतु कहा गया।लिपिक धरमपाल के द्वारा भृत्य अबीर राम को रिश्वत की रकम को अपने पास रख लेने हेतु कहा गया। भृत्य अबीर राम ने रिश्वत की रकम हाथों में ले लिया। रिश्वत की रकम लेने के पश्चात वह एसडीएम के पास जाकर बोला कि कन्हाई राम से रिश्वती 50 हजार रूपये उसने प्राप्त कर लिया है। एसडीएम खांडे ने उस रकम को सुरक्षा गार्ड (नगर सैनिक) कविनाथ सिंह को देने हेतु कहा गया। भृत्य द्वारा रिश्वत की रकम को एसडीएम के सुरक्षा गार्ड कविनाथ सिंह को दे दिया गया। इसी दौरान पहले से मुस्तैद एसीबी की टीम द्वारा त्वरित कार्रवाई कर रिश्वत की रकम को बरामद कर लिया गया। मामले में एसडीएम बीआर खाण्डे, लिपिक धरमपाल, भृत्य अबीर राम एवं नगर सैनिक कविनाथ सिंह को एसीबी की टीम ने अभिरक्षा में ले लिया गया है।
जमीन का पावर आफ अटार्नी भी लिखवा लिया था एसडीएम ने
एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि रिश्वतखोरी के मामले में अब तक की जांच में एसडीएम बीआर खांडे का अमानवीय चेहरा भी सामने आया है। प्रार्थी कन्हाई के पक्ष में आदेश करने के एवज में आरोपित एसडीएम ने प्रार्थी एवं उसके स्वजन की ओर से ग्राम जजगा तहसील उदयपुर स्थित 50 डिसमिल जमीन को भी अपने महिला परिचितों के पक्ष में बिक्री करने संबंधी पावर आफ अटार्नी निष्पादित करा लिया था ताकि भविष्य में उक्त जमीन को अपने पक्ष में करा सके। संबंधित पावर आफ अटार्नी की प्रति भी एसीबी के हाथ लग चुकी है। समस्त आरोपितों की संपत्तियों के संबंध में भी एसीबी के द्वारा गहन जांच प्रारंभ कर दी गयी है। जांच में आय से अधिक संपत्ति के महत्वपूर्ण राजफाश होने की प्रबल संभावना है। आरोपितों के विरूद्ध धारा 7, 12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।