बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षक भर्ती के बीएड किए अभ्यर्थियों के लिए गुड न्यूज है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत देते हुए बिलासपुर हाई कोर्ट के फैसले पर स्टे दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जब सहायक शिक्षक भर्ती की काउंसलिंग और अंतिम चयन सूची जारी होने वाली है, ऐसे समय में बीएड वालों को इस भर्ती से अलग करना वाजिब नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने ये जरूर कहा है कि सहायक शिक्षक भर्ती हाई कोर्ट के फैसले के अधीन होंगी। याने भर्ती के जो भी आदेश निकलेंगे, वे हाई कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेंगे।
क्या था मामला…
छत्तीसगढ़ में पिछले साल 6500 सहायक शिक्षकों की भर्ती निकली थी। भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ होने के बाद बिहार के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आ गया कि प्रायमरी स्कूलों के लिए सहायक शिक्षकों की भर्ती में बीएड की बजाए डीएड वालों की पात्रता होनी चाहिए। बिहार में सहायक शिक्षक भर्ती में बीएड वालों की पात्रता के खिलाफ डीएस डिप्लोमा वाले सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना था कि बीएड डिग्री उपर के क्लास के लिए है।
प्रायमरी लेवल पर छोटे बच्चों को पढाने के लिए डीएड काफी है। इसके बाद बिहार में भर्ती रोक दी गई। मगर छत्तीसगढ़ सरकार ने भर्ती कंटीन्यू रखी। सिर्फ यह आदेश निकाल दिया कि भर्ती हाई कोर्ट के फैसले के अधीन होगी। दरअसल, छत्तीसगढ़ में भी डीएड वाले बीएड वालों को मौका देने के सरकार के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट गए थे। बहरहाल, पिछले हफ्ते बिलासपुर हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आड़ में सहायक शिक्षकों की भर्ती में बीएड वालों पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने अब फिलहाल रोक हटा दिया है।