हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : सरगुजा जिले के मैनपाट में पटवारियों का एक कारनामा निकल कर सामने आया हैं। जहां सरकारी जमीन को लोगों के नाम दर्ज करने के एवज में पटवारियों द्वारा प्रति एकड़ 50 हजार से एक लाख रुपए तक की उगाही की गई है। अब इस पूरे मामले की जांच हो रही है और पट्टा निरस्त करने की प्रक्रिया चल रही है। इस जांच में चौकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। जांच में पाया गया हैं कि पटवारियों ने एक दशक के भीतर दो पंचायत में 50 किसानों के नाम पर 295 एकड़ सरकारी जमीन दर्ज की थी। जांच में खुलासा होने के बाद टीम ने आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट तहसीलदार को सौंपी है। वही मैनपाट के कडराजा में किसानों और अन्य लोगों को तहसीलदार ने नोटिस जारी कर अपने नाम पर दर्ज जमीन का पट्टा पेश करने को कहा था लेकिन कथित जमीन मालिकों ने कोई दस्तावेज पेश नहीं किया। इस वजह से कडराजा पंचायत में 43 किसानों के नाम 68 प्लाट का पट्टा निरस्त कर दिया गया हैं और 263.07 एकड़ को वापस सरकारी मद में दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उरंगा में ऐसे महज सात किसान मिले, जिनके नाम पर दस सरकारी प्लाट दर्ज थे और इन प्लाटों में कुल 32.39 एकड़ सरकारी जमीन थी, जिसके सरकारी होने के बाद भी पटवारियों ने संबंधित लोगों से मिलीभगत कर जमीन उनके नाम पर कर दी थी। पटवारी सरकारी प्लाट को आईडी से किसानों के नाम पर दर्ज कर लोगों से उसके एवज में लाखों रुपए वसूले थे।
मुआवजा वसूली के लिए अब कोर्ट में चल रहा केस
मैनपाट के नर्मदापुर में लोगों ने जिस स्थान पर बाक्साइट माइंस खुलने की संभावना थी। वहां की भी जमीन पटवारियों से मिलकर अपने नाम करा लिया। 2014-15 में सरकारी जमीन का मालिक बनने वाले आठ लोगों को जमीन के एवज में राजस्व विभाग के अधिकारियों ने अस्सी लाख का मुआवजा प्रकरण बनाकर उसका भुगतान भी करा दिया। अब वसूली के लिए राजस्व कोर्ट में प्रकरण चल रहा है, लेकिन वसूली नहीं हो सकी है।
कार्रवाई करने एसडीएम को भेज रहे रिपोर्ट
मैनपाट तहसीलदार सत्यनारायण राठिया ने बताया कि दो पंचायत में जांच के बाद 295 एकड़ ऐसी जमीन का पता चला है, जो जिसे पटवारियों ने अपनी आईडी से 50 लोगों के नाम पर दर्ज कर दिया था। आगे की कार्रवाई के लिए एसडीएम को प्रतिवेदन भेजा है। जिन पटवारियों ने लोगों के नाम पर जमीन दर्ज किया, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
पटवारी इससे बने करोड़पति
मैनपाट के इन गांवों में एक दशक के भीतर नौकरी करने वाले कई पटवारियों ने अवैध कमाई से करोड़ों की चल-अचल संपति बना ली है। इन पटवारियों की संपत्ति की जांच की जाए तो खुलासा होगा कि कई ने तो खुद शहर में कई प्लाट और मकान खरीद रखा है। कुछ ने परिजन व रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति बनाकर रखी है। आरोप है कि 295 एकड़ सरकारी जमीन को निजी मद में करने के एवज में पटवारियों ने 1.47 करोड़ की उगाही की होगी।
एक हजार को नोटिस
शिकायत के बाद तहसीलदार ने बरिमा, कडराजा, नर्मदापुर, उरंगा पंचायत के करीब एक हजार लोगों को नोटिस जारी किया है। कहा कि वे जमीन का पट्टा दिखाएं, लेकिन इसमें से अधिकांश लोगो के पास पट्टा नही हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि उनके पास रिकॉर्ड में पूरी जानकारी है कि विभाग ने किसको कब पट्टा जारी किया है। उससे मिलान के बाद ही नोटिस दिया गया है।