हिंद स्वराष्ट्र कोरिया : कोरिया समेत एमसीबी जिले में प्रायमरी से लेकर हायर सेकंडरी तक 1510 स्कूल संचालित है। यहां करीब 4 हजार नियमित समेत अतिथि शिक्षक कार्यरत है। इसके बाद भी 50 फीसदी स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। वहीं कई स्कूल एकल शिक्षक के तहत संचालित है, तो वर्तमान में पदोन्नति की वजह से कई स्कूल शिक्षक विहीन हो गए हैं। वहीं 11 प्रायमरी व मीडिल स्कूल ऐसे है, जहां बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे है। बता दें कि जिले के 11 प्राइमरी व मिडिल स्कूल ऐसे हैं, जहां भवन खस्ताहाल हो चुके है। साथ ही प्लास्टर भी टूटने लगे हैं। शिक्षा विभाग ने इन भवनों को खतरनाक मानते हुए सूची भी बनाई है, लेकिन नए भवन के लिए सरकार से मंजूरी मिलने का इंतजार है। पिछले साल साढ़े तीन करोड़ रुपए से 130 जर्जर स्कूलों की मरम्मत कराई गई थी। बता दें कि जिले के भखार, डुमरिया, आंजो खुर्द, बरदर, तामडांड, बैमा, अमका, कोड़ा, जरौंधा, जिली बांध, कछौड़, बिहारपुर, कुंवारपुर, समेत कई गांव ऐसे हैं, जहां स्कूल की भवन की हालत खराब है।
स्कूल में 124 बच्चों पर 1 शिक्षक
ब्लॉक खड़गवां में 25 प्रायमरी, 3 मीडिल समेत 1 हाई स्कूल ऐसे है जहां केवल एक शिक्षक कार्यरत है। बता दें कि ग्राम पंचायत पैनारी में संचालित हाई स्कूल में 124 विद्यार्थी पढ़ाई करते है। कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए एक शिक्षक की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा ग्राम कोचका, कटकोना व बैमा में संचालित मीडिल स्कूल में एक-एक शिक्षक ही कार्यरत है।
मध्याह्न भोजन कर लौट रहे बच्चे
ब्लॉक भरतपुर के ग्राम पंचायत जनकपुर के बैगापारा के प्रायमरी स्कूल 60 पढ़ाई करते है। यह एक शिक्षक सभी बच्चों को पढ़ाते थे, लेकिन वे भी पदोन्नति के कारण दूसरे स्कूल में चले गए है। इस वजह से बच्चे स्कूल में सिर्फ मध्याह्न भोजन करके वापस लौट रहे है।
लड़कोड़ा के प्रायमरी स्कूल में 80 बच्चे है लेकिन यह एक भी शिक्षक कार्यरत नहीं है। इसके अलावा प्रायमरी स्कूल पतवाही 50 छात्रों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक शिक्षक है। भगवानपुर प्रायमरी स्कूल में 80 बच्चे, लालमाटी के प्रायमरी स्कूल में 50 बच्चे, भगवानपुर के रामटोला में संचालित प्रायमरी स्कूल में 70 बच्चे एक शिक्षक के भारोसे पढ़ाई करते है। यह ब्लॉक का सबसे पुराना स्कूल है, जिसकी भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है।
4 साल से ग्रामीण के घर में संचालित हो रहा स्कूल
कोरिया जिला मुख्यालय से 8 किमी दूर ग्राम पंचायत कसरा के खुटरापारा में कन्या प्रायमरी स्कूल ग्रामीण के घर में ही संचालित हो रहा है। बता दें कि यहां 33 बच्चे पढ़ाई करते है। स्कूल की भवन जर्जर होने के बाद कुछ साल तक जान जोखिम में डालकर शिक्षक बच्चों को पढ़ाते रहे, लेकिन खंडहर भवन में स्कूल का संचालन संभव नहीं था, भवन के आभाव में स्कूल बंद कर दिया गया। इसके बाद गांव के राम सिंह ने बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए अपने घर का एक बरामदा और एक कमरा प्रधानपाठक को सौंपा। बता दें कि बीते 4 साल से बच्चे राम सिंह के घर में ही पढ़ाई कर रहे है।
डीईओ ने कहा- भवन के रिपेयरिंग के लिए प्रस्ताव भेजा गया
“काेरिया डीईओ अनिल जायसवाल ने बताया कि पदोन्नति के बाद यह समस्या सामने आ रही है कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी हो गई है। मई में ज्वाइनिंग की फाइनल लिस्ट बनने के बाद पता चलेगा किन स्कूलों में शिक्षकों की कमी हुई और कहां शिक्षक ज्यादा है। इसके बाद शासन के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं जर्जर भवन के रिपेयरिंग के लिए प्रस्ताव भेजा गया है, राशि स्वीकृत होने पर भवनों को ठीक कराया जाएगा।”