हिंद स्वराष्ट्र नोएडा : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद नोएडा सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टावर को रविवार, 28 अगस्त की दोपहर 2:30 बजे जमींदोज कर दिया गया। इसमें 32 मंजिला एपेक्स व 29 मंजिला सियान टावर को 3,700 किलोग्राम विस्फोटक लगाकर ध्वस्त किया गया। वहीं सुरक्षा के लिहाज से ट्विन टावर के पास किसी को जाने की अनुमति नहीं थी। बता दें कि ब्लास्ट के बाद धुएं का गुबार उठा और इलाके में चारों तरफ सिर्फ धुआं ही धुआं ही दिखाई देने लगा।
जैसा प्लान किया गया था, वैसा ही हुआ: सीईओ रितु महेश्वरी
नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु महेश्वरी ने कहा कि जैसा प्लान किया गया था, वैसा ही हुआ है। उन्होंने बताया कि ब्लास्ट के बाद थोड़ा सा मलबा सड़क और एटीएस की दीवार की ओर गया है। बिल्डिंग गिरने के बाद डस्ट क्लाउट बना था।उन्होंने कहा कि विध्वंस से पहले और बाद में AQI डेटा लगभग समान है। शाम 7 बजे के आसपास खाली सोसाइटियों के निवासियों को अपने घरों में वापस जाने की अनुमति दी जाएगी। यहां लगभग 100 पानी के टैंकर और 300 सफाई कर्मचारी तैनात किए गए हैं। गैस की सप्लाई और इलेक्ट्रिसिटी की भी बहाली जल्दी की जाएगी।
वहीं नोए़डा सीपी आलोक कुमार ने कहा कि योजना के अनुसार ही अभ्यास किया गया। विशेषज्ञ दल मौके पर हैं। फिलहाल इसका आंकलन किया जा रहा है। केवल विशेषज्ञ ही विध्वंस के बाद की स्थिति का पता लगा सकते हैं। हम अवशेष और बचे हुए विस्फोटकों का आंकलन करने के लिए साइट पर जा रहे हैं।
सुरक्षा निगरानी में 560 पुलिस कर्मी
वहीं ट्विन टावरों को ध्वस्त करने के लिए आसपास के इलाकों में NDRF की टीमों को तैनात किया गया था। इसके अलावा 560 पुलिस कर्मी, रिजर्व फोर्स के 100 लोग, 4 क्विक रिस्पांस टीम भी यहां तैनात हैं। नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्जन के लिए हेल्पलाइन नंबर 99710 09001 जारी किया है। वहीं ध्वस्तीकरण का काम आज, 28 अगस्त की दोपहर 2.30 पर किया गया। टावर्स को गिराने का यह खर्च भी बिल्डर कंपनी सुपरटेक ही वहन करेगी।
इससे पहले सुपरटेक ट्विन टावर्स विध्वंस पर यूपी के अपर मुख्य सचिव(गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि इन अवैध ट्विन टावरों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सख्त कार्रवाई में ध्वस्त करने का आदेश दिया गया था। यह एक संदेश देगा कि राज्य में अवैध काम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सुपरटेक ने टावर्स के ध्वस्त होने से पहले क्या कहा था:
ट्विन टावर को ध्वस्त किए जाने से कुछ समय पहले सुपरटेक ने एक बयान जारी कर कहा कि हम सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हैं। सुपरटेक ने कहा कि हमने टावर का निर्माण प्राधिकरण को पूरा भुगतान करने के बाद किया था। लेकिन माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इसमें तकनीकी आधार पर निर्माण को ठीक नहीं पाया। उनके फैसले का हम सम्मान करते हैं।
आगे कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए हमने एक विश्व प्रसिद्ध कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग को काम दिया है। जिसके पास ऊंची इमारतों को सुरक्षित तरीके से ध्वस्त करने की विशेषज्ञता है।