हिंद स्वराष्ट्र उत्तरप्रदेश : योगी आदित्यनाथ सरकार के डेप्युटी सीएम पिछले केशव प्रसाद मौर्य पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा में हैं। कुछ दिन पहले स्वतंत्र देव सिंह के इस्तीफा देने के बाद से यूपी बीजेपी के नए अध्यक्ष की तलाश जोर-शोर से चल रही है। यूपी के राजनीतिक गलियारों में इस चर्चा ने जोर पकड़ लिया कि मौर्य को एक बार फिर कमान दी जा सकती है। पर हाल ही में उनको विधान परिषद में नेता सदन बना दिया गया जिससे ये अफवाहें ठंडी पड़ गईं। एक दिन पहले रविवार को केशव प्रसाद मौर्य ने ऐसा ट्वीट कर दिया जिससे चर्चाओं का बाजार फिर गर्म हो गया। मौर्य ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा-‘संगठन सरकार से बड़ा है।’ मौर्य सरकार में हैं और संगठन की तारीफ किए जाने की वजह से फिर उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने की बात कही जा रही है। अब लोगों ने कयास लगाना शुरू कर दिया कि जब केशव प्रसाद प्रदेश अध्यक्ष बन जाएंगे तो नया डेप्युटी सीएम किसको बनाया जाएगा? सोशल मीडिया पर भी यूजर्स तमाम नामों को लेकर चर्चा कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि मौर्य की जगह किसी दलित चेहरे को नया डेप्युटी सीएम बनाया जा सकता है।
केशव मौर्य रविवार को बीजेपी के पश्चिम और ब्रज क्षेत्र की बैठक में शामिल होने गाजियाबाद गए थे। बैठक से निकलने के बाद उन्होंने यह ट्वीट किया था। बैठक में पहली बार नए प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल आए थे। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी थे। बैठक में भी केशव ने कहा कि भले कोई सांसद, विधायक या मंत्री बन जाए, संगठन के लोग इन सबसे ऊपर हैं। मौर्य लगातार संगठन की तारीफ कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने लखनऊ में 16 अगस्त को पूर्व प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल के लिए कहा था कि यूपी में भाजपा को शून्य से शिखर तक पहुंचाने का श्रेय उन्हें ही जाता है।
पिछली सरकार से मुखर रहे हैं मौर्य
पिछड़ा वर्ग से आने वाले केशव पिछली सरकार से मुखर रहे हैं। उनकी अहमियत का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद उन्हें डेप्युटी सीएम बनाया गया। हालांकि, उनके करीबी मानते हैं कि कद के हिसाब से उन्हें विभाग नहीं दिया गया। यह भी माना जा रहा है कि इसी वजह से वह संगठन के भीतर अपना दमखम बनाए रखना चाहते हैं। अब नए संगठन महामंत्री की नियुक्ति हुई है तो उनके साथ पहली बैठक में केशव का संगठन को सर्वोपरि रखना लाजिमी है।
बंसल के जाने के बाद कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखना बड़ी चुनौती
ट्वीट के बाद यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या केशव प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में हैं? दरअसल, सुनील बंसल को राष्ट्रीय महामंत्री बनाए जाने के बाद संगठन पर मजबूत पकड़ रखने वाले नेता की तलाश हो रही है। बंसल के जाने के बाद कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखना भी बड़ी चुनौती है। नए संगठन महामंत्री धर्मपाल झारखंड में भाजपा के संगठन महामंत्री थे। उनका यूपी में एबीवीपी में काम करने का अनुभव तो है, पर यूपी बीजेपी में सीधे काम नहीं किया है।
मानकों पर तो फिट बैठते हैं
केशव 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे। तब बीजेपी ने सहयोगियों के साथ 325 सीटें जीती थीं। प्रदेश अध्यक्ष के लिए बीजेपी को बड़े सियासी कद वाले चेहरे की तलाश है। यह चेहरा ऐसा होना चाहिए, जो अनुभवी भी हो और 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन और सरकार में समन्वय बैठा सके। इन मानकों पर केशव फिट बैठते हैं। हालांकि, कुछ लोग इस बात को यह कहकर खारिज कर रहे हैं कि नए संगठन महामंत्री भी सैनी बिरादरी से आते हैं। ऐसे में उसी पिछड़ी बिरादरी से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाएगी।