हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : सरगुजा में बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है. अब तक 30 प्रतिशत भी धान की बुवाई और रोपाई का काम नहीं हो सका है. सावन का आधा महीना बीतने को है मगर मौसम की बेरुखी बरकरार है. ऐसे में धान की खेती करनेवाले किसान उदास हैं. कमोबेश समान स्थिति सूरजपुर जिले की भी है. सूरजपुर में भी बारिश नहीं होने से धान की खेती की समस्या पैदा हो गई है. कुछ किसान किसी तरह धान की रोपाई कर ले रहे हैं तो तेज धूप के कारण पत्तियां पीली पड़ जा रही हैं. सरगुजा जिले के लुण्ड्रा तहसील में अब तक सबसे कम 21 फीसद वर्षा ही दर्ज हुई है. सबसे ज्यादा बारिश लखनपुर तहसील में 87 फीसद हुई है. अन्य तहसील में 35 फीसद से 55 फीसद तक वर्षा का आंकड़ा दर्ज किया गया है. बारिश का आंकड़ा बीते साल की तुलना में औसत से काफी कम है. इतनी बारिश में धान की खेती नहीं हो सकती. इस साल अगस्त महीने तक पर्याप्त वर्षा नहीं होने से किसानों की मुसीबत बढ़ जाएगी. प्रशासन ने सरगुजा संभाग के सभी जिलों में सूखे की स्थिति को देखते हुए रोजगार मूलक योजना पर काम शुरू कर दिया है. शासन की ओर से भी अल्प वृष्टि का आंकड़ा मंगाया जा रहा है.
सरगुजा संभाग को सूखा घोषित करने की मांग
लुण्ड्रा विधानसभा क्षेत्र से विधायक और सीजीएमएससी के अध्यक्ष डॉ प्रीतम राम ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर सरगुजा संभाग को सूखा घोषित कर किसानों की फसल का मुआवजा देने और गांव में रोजगार मूलक काम शुरू कराने की मांग की है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ में हो रही खंड वृष्टि से सरगुजा जिला प्रभावित है. उत्तर छत्तीसगढ़ में न के बराबर वर्षा हुई है. वास्तविक रूप से जरूरत भर बारिश नहीं हुई है. बारिश नहीं होने से किसानों में हताशा और निराशा है. किसान कर्ज लेकर खेती किसानी का काम शुरू करना चाहते थे लेकिन आज तक वर्षा नहीं होने से भीषण सूखे की स्थिति बन गई है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का काम भी संचालित नहीं है. इसलिए सरगुजा संभाग को सूखाग्रस्त घोषित कर तत्काल किसानों को मुआवजा देने और रोजगार मूलक राहत काम शुरू करने की मांग की जाती है. मौसम वैज्ञानिक एएम भट्ट ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले अब तक सरगुजा संभाग में 55 प्रतिशत कम वर्षा हुई है.
उन्होंने आगे बताया कि अभी वर्षा का कोई सिस्टम उत्तरी छत्तीसगढ़ में नहीं बन रहा है बल्कि दक्षिणी छत्तीसगढ़ की तरफ सिस्टम ज्यादा प्रभावी रहा है. शुरआत में उत्तरी छत्तीसगढ़ में प्रभावी हुआ था लेकिन मेघालय, शिलांग की तरफ चला गया. इसके बाद बना सिस्टम दक्षिण छत्तीसगढ़ में ही सक्रिय रहा. वर्षा होने के लिए आवश्यक होता है कि मानसून द्रोणिका हमारे आसपास से गुजरे. कोई चक्रवाती परिसंचरण बंगाल की खाड़ी से अपनी तरफ आए, अवदाब केंद्र बने लेकिन इस बार उत्तरी छत्तीसगढ़ की तरफ ऐसा नहीं है.
सीएम ने अल्प वर्षा पर आंकलन का दिया निर्देश
सरगुजा संभाग में अब तक पर्याप्त वर्षा नहीं होने पर तीन विधायकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और सरगुजा संभाग को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरगुजा संभाग में अल्प वर्षा की स्थिति को देखते हुए आंकलन के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव कलेक्टर्स से चर्चा करेंगे. बता दें कि रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह, कुसमी विधायक चिंतामणि महाराज और लुंड्रा विधायक प्रीतम राम ने मुख्यमंत्री से सरगुजा संभाग को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की है.