ग्रामीणों में अंधविश्वास के कारण रोज जा रही जिंदगियां…इलाज के जगह झाड़ फूंक ने ले ली जिंदगी…

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हिंद स्वराष्ट्र गौरेला-पेंड्रा-मरवाही : बरसात का मौसम आते हैं कीड़े मकोड़े और सर्पदंश की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास के कारण लोग अस्पताल जाकर इलाज करवाने के स्थान पर झाड़ फूंक पर ज्यादा विश्वास करते हैं और उनकी इस लापरवाही के कारण कई लोगो को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ता हैं। ऐसा ही एक मामला गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में देखने को मिली जहां सांप के काटने से भाई-बहन सहित 3 बच्चों की मौत हो गई हैं। भाई-बहन को सांप ने डसा तो परिजन झाड़-फूंक में उलझे रहे। इस दौरान बच्ची की मौत हुई। इसके बाद भी बेटे को अस्पताल ले जाने की जगह डॉक्टर के पास से घर ले आए। उसने भी झाड़-फूंक के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं एक अन्य 10 साल के बच्चे की उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। घटना के बाद लोगों ने सांप को मार दिया। दोनों ही घटना मरवाही थाना क्षेत्र की है। जानकारी के मुताबिक, धुम्मा टोला निवासी तोप सिंह की 8 साल की बेटी अन्नू और 11 साल के बेटे लोकेश को 15 जुलाई की रात सांप ने काट लिया। देर रात करीब 11 बजे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। पेट और सीने में दर्द के साथ ही दोनों बच्चों के मुंह से झाग निकलने लगा। यह देख परिजनों ने झाड़-फूंक करना शुरू कर दिया। इससे बच्चों की तबीयत और बिगड़ गई। इस पर परिजनों ने रात करीब 1 बजे एंबुलेंस को कॉल किया, पर अन्नू की तबीयत और खराब हो गई।

ऑक्सीजन सपोर्ट पर था, घर लाकर झाड़-फूंक करने लगे
एंबुलेंस आने पर परिजन दोनों बच्चों को लेकर CHC पहुंचे, वहां डॉक्टरों ने अन्नू को मृत घोषित कर दिया। लोकेश का उपचार शुरू हुआ। उसकी हालत थोड़ी ठीक हुई, लेकिन लक्षण गंभीर देख जिला अस्पताल रेफर किया गया। वहां लोकेश ऑक्सीजन सपोर्ट पर था, पर हालत सुधर नहीं रही थी। इसके चलते CIMS बिलासपुर रेफर किया गया, पर परिजन बिना किसी को बताए लोकेश को घर ले आए और झाड़-फूंक शुरू कर दी। इसके चलते उसकी भी मौत हो गई।

जिला अस्पताल के गेट पर ही रुक गई सांसें
वहीं दूसरा मामला एक दिन पहले 14 जुलाई का है। ग्राम रटगा निवासी थानू यादव के 10 साल के बेटे सागर की तड़के करीब 5 बजे सांप ने डस लिया। बच्चे की हालत बिगड़ती देख परिजन उसे एंबुलेंस से CHC मरवाही लेकर पहुंचे। वहां उपचार शुरू हुआ पर तबीयत में सुधार नहीं हो रहा था। इसके चलते बच्चे को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन उसके गेट पर ही एंबुलेंस में बच्चे की सांसें थम गईं।

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