25 साल बाद पता चला दस्तावेज फर्जी हैं: वन विभाग का क्लर्क बर्खास्त; भ्रष्टाचार की जांच में पकड़ा गया फर्जीवाड़ा…

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भ्रष्टाचार की जांच में पकड़ा गया फर्जीवाड़ा

हिंद स्वराष्ट्र गौरेला–पेंड्रा– मरवाही : गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में DFO ने वन विभाग के एक क्लर्क को बर्खास्त कर दिया है। आरोप है कि क्लर्क फर्जी दस्तावेजों के सहारे 25 साल से नौकरी कर रहा था। खास बात यह है कि इस दौरान उसने जो काम कराए, उसमें भी भ्रष्टाचार का आरोप है। उसकी जांच के दौरान नई सच्चाई सामने आई। मामला मरवाही वन मंडल का है। फिलहाल कर्मचारी के खिलाफ अभी FIR नहीं दर्ज कराई गई है।
जानकारी के मुताबिक, मरवाही की खोडरी रेंज में सहायक ग्रेड-3 पद पर पदस्थ परमेश्वर गुर्जर ने साल 2016 से 2018 में शासकीय कार्य कराए थे। इस दौरान भी परमेश्वर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। इस पर कुछ लोगों ने मामले की शिकायत वन विभाग से की। इसको लेकर जांच चल रही थी कि पता चला कि परमेश्वर गुर्जर के दस्तावेज ही फर्जी हैं। इसके आधार पर उसे नौकरी मिली थी। इसके बाद उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।

दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के दस्तावेज में लिखे नाम
शिकायत मिलने पर SDO पेंड्रा ने मामले की जांच कराई। इसमें पता चला कि एक दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के नाम पर दस्तावेज बनाए गए थे। आरोपी परमेश्वर साल 1997 से दैनिक वेतनभोगी के रूप में काम कर रहा था। इस बीच करीब 10 बाद 2005 में शासन की ओर से जब परमानेंट नियुक्ति आदेश निकले तो आरोपी ने भी अप्लाई कर दिया। तब तत्कालीन DFO ने उसे आगे बढ़ा दिया और परमेश्वर को नियुक्ति दे दी।

काम कर रहा था 1997 से, बताया 1995 से

DFO दिनेश पटेल ने बताया कि शासन की ओर से साल 1995 या उससे पहले से काम कर रहे दैनिक वेतनभोगियों को नियमित करने का आदेश आया था। आरोपी परमेश्वर गुर्जर साल 1997 से काम कर रहा था, लेकिन उसने कूट रचित दस्तावेज उससे पहले के तैयार किए। जांच में पता चला कि 1997 से पहले के उसके कोई दस्तावेज विभाग के पास उपलब्ध ही नहीं हैं। आगे आरोपी के खिलाफ FIR और रिकवरी की जाएगी।

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