हिंद स्वराष्ट्र बिलासपुर : न्यायधानी में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जहां एक महिला ने खुद की चिता जलाकर जान दे दी है। घर वाले जब सुबह उठे तो घर के बाहर महिला का जला हुआ कंकाल मिला। वहीँ इस घटना की सूचना मिलने के बाद पूरे इलाके में सनसनी मच गई है। जानकारी के अनुसार घटना कोटा थाना क्षेत्र के ग्राम नेवरा की है। यहां रहने वाले शिव कुमार साहू की 45 वर्षीय पत्नी संतोषी साहू गृहणी थी। नेवरा से दस किलोमीटर दूर ही उसका मायके खुरदुर था। घर मे शिव कुमार साहू व उसकी पत्नी सन्तोषी साहू के अलावा उनके चार बच्चे भी रहते थे। शिव कुमार साहू का अपने भाइयों से बंटवारा हो चुका था। वे भी आजू बाजू के घरों में रहते थे। सन्तोषी के घर वालो के अनुसार उसे 6-7 माह से मानसिक रोग की समस्या थी। संतोषी सपने में भूत के आने व गला दबाने की बात कहती थी। वह सपने में तरह तरह की चीखें सुनती थी और उसका कहना था कि भूत उसके सपने में आकर उसे आत्महत्या करने के लिए कह रहा है। परिजन उसका जगह जगह झाड़-फूंक करवा रहे थे। पिछले दो माह से संतोषी की समस्या और भी अधिक बढ़ गई थी। वह ठीक से सो भी नही पा रही थी और सर दर्द तथा सपने में भूत दिखने की समस्या घर वालो को बताती थी। गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात जब घर मे सब सो रहे थे तब सँतोषी चुपचाप उठी और घर के पीछे स्थित बाड़ी में गयी। यहां शौचालय के बाजू में पानी की सीमेंट की टँकी बनी हुई थी। पर टँकी में लीकेज होने की वजह से वह खाली थी। सन्तोषी ने पिछले दरवाजे से बाहर निकल कर दरवाजे की कुंडी बाहर से लगा दी। फिर पानी की टँकी में कंडे व लकड़ी डाल कर चिता सज़ा खुद भी उसमे बैठ गई और चिता में आग लगा लिया।
तड़के चार बजे सँतोषी का 18 वर्षीय लड़का बकरियों को खोलने के लिए उठा तब पीछे बाड़ी से काफी धुंआ उठता हुआ देखा। जिससे पीछे की तरफ जाकर देखा तो दरवाजे की कुंडी बाहर से लगी हुई मिली। उसने अपने पिता को इसकी जानकारी दी। किसी तरह दरवाजा खोल कर जब बाहर आये तो देखा कि पानी की टँकी में लकड़ियां कंडे इकट्ठे कर सन्तोषी ने खुद को आग लगा ली थी। वह पूरी तरह जल चुकी थी बस उसका कंकाल ही बाकी रह गया था। उन्होंने इसकी सूचना पड़ोसियों व पुलिस को दी। जिसके बाद पहुँची पुलिस ने कंकाल को जब्त किया। चूंकि कंकाल का पोस्टमार्टम नही हो सकता था अतः कंकाल को फारेंसिक जांच के लिए सिम्स में ले जाने के बाद कंकाल को घर वालो को वापस कर दिया।