हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुराने कुलपति ने ग्रहण किया पदभार..

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हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : सरगुजा जिले में स्थित संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर प्रोफेसर रोहिणी प्रसाद ने पदभार ग्रहण कर लिया है. रोहिणी प्रसाद पूर्व में भी सरगुजा विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 3 जनवरी 2020 को धारा 52 के तहत प्रोफ़ेसर रोहिणी प्रसाद को हटा दिया गया था. राज्य सरकार के इस निर्णय के खिलाफ उन्होंने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. उनकी याचिका पर उच्च न्यायालय की एकल पीठ का आदेश आ चुका है. जिसमें प्रोफेसर रोहिणी प्रसाद ने उच्च न्यायालय के आदेश के साथ राज्यपाल कार्यालय से जारी पत्र भी संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा के कुलसचिव को सौंपा है. इधर प्रोफेसर रोहिणी प्रसाद ने जब पदभार ग्रहण करने संबंधित कार्रवाई पूरी की उस दौरान वर्तमान कुलपति अशोक सिंह विश्वविद्यालय में नहीं थे. उनके चेंबर में भी ताला लगा था. वहीं अशोक सिंह विश्वविद्यालय की शासकीय वाहन को भी लेकर कही चले गए है. ऐसे में सरगुजा यूनिवर्सिटी के अधिकारियों और कर्मचारियों में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. बता दें कि इस याचिका में प्रोफेसर रोहिणी प्रसाद ने पद से हटाए जाने को चुनौती देते हुए विधि विरुद्ध बताया था और उनकी याचिका पर 13 जून को उच्च न्यायालय का आदेश आया है. जिसमें प्रोफेसर रोहिणी प्रसाद के खिलाफ की गई कार्रवाई को गलत माना गया था.

2020 में हटाया गया था पदभार
इस संबंध ने कुलपति रोहिणी प्रसाद ने बताया कि 13 जून को कोर्ट का आदेश आया है. कोर्ट के आदेश और राज्यपाल के आदेशानुसार मंगलवार को पदभार ग्रहण किया है. उन्होंने बताया कि 2020 में धारा 52 का आदेश मिला था. उसके तहत उन्हें कुलपति पद से हटाया गया था. इसको कोर्ट में चुनौती दी गई थी और कोर्ट के आदेशानुसार कल पदभार ग्रहण कर लिया है. अब कुलपति के दायित्व पर उपस्थित हूं, जो काम आएगा उसे करूंगा.

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