जो पुलिस अपने ही T.I.का न्यायालय द्वारा जारी जमानती के बाद गिरफ्तारी वारन्ट तामील करने के बाद आज 10–12 साल बाद आज तक तामील नही कर सकी,, अपराधी को क्या गिरफ्तार कर सकती है??

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हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : जनक लाल गुप्त के कलम से…..सरगुजा सँभाग की जो पुलिस आज अपने ही उसी थाने के टीआई (थाना प्रभारी निरीक्षक) सीएस शर्मा जिस थाने मे पहले पदस्थ रहा है का बिना म्यादी गिरफ्तारी वारँट न्यायिक दण्डाधिकारी के न्यायालय द्वारा आज से करीब 10-12 साल पहले भेजा गया है जिसकी तामीली आज तक अपने ही टीआई का तामील करने का कोई फद का पुलिस नही सका है। इसके पहले भी टीआई का इसी सम्भाग मे नौकरी करने के समय फहले जमानतीय,गिरफ्तारी वारन्ट कोर्ट जारी किया गया था परंतु गिरफ्तारी नही कर पाया। जो पुलिस/अधिकारी अपने ही टीआई का गिरफ्तारी बिना म्यादी वारन्ट मे-भी नही कर सकता वह पुलिस कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार करने का हिम्मत करेगी क्या यह सम्भव है। स्पष्ट है कि आज सरगुजा सम्भाग की पुलिस का कार्य गरीबों असहायों को केवल व केवल चल अचल दौलत लुटने लुटवाने,अपराध और अपराधियों को जन्म देकर और उन्हें सँश्रेय देना ही कर्तब्य हो जाना प्रतित प्रगट होता है?

आम जनता का सँवैधानिक मौलिक अधिकारों की शान्ति सुरक्षा, तथा निष्पक्ष न्याय आदि का क्या और क्यों किस प्रकार प्रदान करना सभी सम्बन्धित SDOP, SP, IGP तथा DGP करती हैं या अफराध और अपराधीयों को जन्म देकर अपने तिजोरी भरने मे लगे हैं। किस कानून की रक्षा करते हैं…देख लिजिये….

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