ओड़गी आईटीआई कालेज में प्राचार्य के दर्शन नहीं होते तो प्रैक्टिकल कहां से करें? प्रयोगशाला में लटका रहता है ताला..

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हिंद स्वराष्ट्र ओड़गी फिरोज अंसारी – युवाओं को हुनर मंद बनाकर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार युवाओं को ट्रेनिंग देने वाले आईटीआई राजकीय औद्यौगिक प्रशिक्षण संस्थान को करोड़ों का बजट दे रही है लेकिन सरकार के उदेश्य को किस तरह पलीता लगा रहे है। इसकी तस्वीर सूरजपुर जिले के ओड़गी आईटीआई से सामने आई है।
एक ओर सरकार व शासन जहाँ युवाओं को रोजगार देने के लिए पूरा जोर लगा रही हैं वही दूसरी ओर इन दोनों के मंशा पर अंकुश लगाने का कार्य ओड़गी आईटीआई के प्राचार्य के द्वारा किया जा रहा है। और जहाँ रेगुलर आने व बच्चो को शिक्षा देने का कार्य करना चाहिए था लेकिन इनको सिर्फ और सिर्फ महीने में 1 या 2 बार ही आने का समय मिलता हैं उसमें भी आधा या एक घंटा ही समय देते है फिर चले जाते है मानो ऐसा लगता है ऐ यहा मेहमान नवाजी करवाने आते है और छात्र/छात्राओं से कोई लेना देना नही है अपने में ही व्यस्त है। बाकी शिक्षक / शिक्षिका अपना काम बखूबी से निभा रहे हैं तो प्राचार्य को अपना कार्य करने में परेशानी हो रही हैं।

राजेश तिवारी मण्डल अध्यक्ष के पास छात्र/छात्राओं ने की फोन कर शिकायत फिर जायजा लेने पहुंचे

छात्र/छात्राओं के शिकायत करने पर आईटीआई का जायजा लेने पहुंचे वहा पढ़ रहे सभी छात्रों से श्री तिवारी ने बात की तो बच्चे शिकायत की पुल बांध दिए और एक-एक कर पूरा विवरण सुनने लगे खुद जाकर के देखा तो छात्रों के द्वारा बताया सभी बात सही निकली।
प्रेक्टिकल जहा होता हैं वहाँ ताला लगाकर उसको शील कर दिया गया था कुछ दिन पहले का बात को छात्रों ने बताया कि मशीनों में जंग लग कर बेकार होने के कगार में था।
जिसपर भाजपा मंडल अध्यक्ष ने अपने संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर को लिखित आवेदन देकर और फोन कर छात्रों को हो रहे असुविधा को अवगत कराया गया।

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