हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : लकड़ी तस्करों ने तस्करी का अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है. हालांकि वन अमले ने तस्करों के मंसूबे पर पानी फेर दिया और 30 नग चिरान की लकड़ी को जब्त किया है. मामला उदयपुर वनपरिक्षेत्र का है. उदयपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम परसा में वन विभाग की टीम ने शुक्रवार को घेराबंदी कर सोनालिका सोल्ड ट्रैक्टर को पकड़ा. जिसके ट्रॉली में ऊपर से तो बालू लोड था लेकिन नीचे 30 नग चिरान की लकड़ी थी.
जानकारी के मुताबिक सोल्ड सोनालिका ट्रैक्टर में तस्करों ने पहले साल्ही नाला से रेत भरा. फिर ट्रैक्टर को हरिहरपुर जंगल ले गए. जहां ट्रॉली से बालू खाली करके 30 नग चिरान लकड़ी भरा गया. फिर लकड़ी के ऊपर बालू भर दिया गया और ग्राम परसा की ओर रवाना हो गए. इसी दौरान किसी ने वन अमले को ट्रैक्टर से लकड़ी तस्करी करने की सूचना दे दी.
लकड़ी की कीमत थी 50 हजार
सूचना पर एसडीओ बिजेन्द्र सिंह और रेंजर सपना मुखर्जी के मार्गदर्शन में परिक्षेत्र सहायक डांड़गांव दुर्गेश सिंह के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ग्राम परसा की ओर निकली. उन्होंने नीले कलर की सोनालिका ट्रैक्टर को घेराबन्दी कर रोककर चेक किया तो सब दंग रह गए. ट्रैक्टर ट्रॉली में बालू के नीचे 30 नग चिरान लकड़ी लोड थी. जिसकी बाजार में कीमत लगभग 50 हजार बताई जा रही है.
वन अधिनियम की धाराओं के तहत हुई कार्रवाई
रेत की आड़ में लकड़ी तस्करी का भंडाफोड़ होने के बाद ट्रैक्टर को वन परिक्षेत्र कार्यालय उदयपुर लाया गया. इस मामले में वन विभाग द्वारा वन अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है. वहीं इस कार्रवाई से लकड़ी तस्करों में हड़कंप मचा हुआ है. इस कार्रवाई में परिक्षेत्र सहायक बासेन जुगेश सिंह, वन रक्षक बसन्त राम, नंदकुमार, परमेश्वर, अवधेश, विष्णु, अमरनाथ, भरत, शशिकांत सिंह, गिरीश बहादुर सिंह और धनेश्वर सिंह सक्रिय रहे.