हिंद स्वराष्ट्र कोरिया : राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन जिला कोरिया द्वारा आरटीआई के माध्यम से नायब तहसीलदार, तहसीलदार एवं अनुविभागीय दंडाधिकारी तथा कलेक्टर कोरिया के समक्ष 1 वर्ष पूर्व दिए गए आवेदन के संबंध में जानकारी मांगी जा रही हैं जिसके लिए लगातार आवेदन दिया जा रहा हैं इसके बावजूद अधिकारियों के कानो में जूं तक नहीं रेंग रही हैं।आवेदन दिए हुए पूरे 1 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई हैं। संगठन द्वारा अपने आवेदन पर हुई कार्यवाही की जानकारी हेतु आरटीआई भी लगाई गई जिसका जवाब भी एक वर्ष बीत जाने के बावजूद कार्यालय द्वारा नही दिया जा रहा हैं।
दरअसल मामला सिद्धबाबा घाटी, नेशनल हाइवे के किनारे बने हनुमान मंदिर में एक तपोभूमि कुटिया का हैं जिसको गजाधर मिश्रा के द्वारा तोडा गया एवं गौशाला एवं बाउन्ड्रीवाल एवं बाबाजी की समाधि स्थल को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया जबकि मंदिर निर्माण की आधारशिला स्व. भैयालाल सोनी के द्वारा किया गया था जिन्होंने अपने मृत्यु के पूर्व पुलिस थाना में जाकर श्याम बाबा त्यागी को लिखित आवेदन देकर मंदिर का कार्यभार सौप दिया था। गजावर मिश्रा एवं गोपाल चौधरी के द्वारा बाबाजी को मार पीटकर भगा दिया गया और मंदिर को हथिया लिया गया। जिसके बाद दिनांक 06/01/2021 को माननीय अनुविभागीय दण्डाधिकारी मनेन्द्रगढ़ को समस्या के निराकरण के सम्बन्ध में नगर जिला को मंदिर के तोडफोड को रोकने बाबत एक आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था परंतु आज तक कोई जाँच नहीं की गई है तथा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है, जिस कारण से गजाधर प्रसाद मिश्रा के द्वारा तपोभूमि को पूरी तरह तोड़ दिया गया है, जिससे तपोभूमि का अस्तित्व खत्म हो गया है।
एक वर्ष बीतने के बाद भी जवाब न देना खड़े करता है प्रश्न चिन्ह एक साल बीत जाने के बावजूद नायब तहसीलदार,तहसीलदार ,अनुविभागीय अधिकारी एवं कलेक्टर के द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही न करना साथ ही आरटीआई के माध्यम से मांगे गए जवाब का अभी तक न मिल पाना कही न कही कई बड़े प्रश्न खड़े करता हैं। आखिर ऐसी क्या वजह हैं जो अधिकारी इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं? साथ ही साथ मामले की जानकारी छिपाते हुए एक साध्वी को दर बदर भटकने को विवश कर रहे हैं।
तहसीलदार से लेकर कलेक्टर तक शिकायत फिर भी नहीं मिल पाया न्याय
राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन द्वारा साध्वी को न्याय दिलाने तहसीलदार से लेकर कलेक्टर तक आवेदन दिया गया इसके बावजूद अधिकारियों द्वारा इस मामले की ओर कोई ध्यान नही दिया जा रहा हैं। आज भी साध्वी न्याय की आस लिए इधर उधर भटकने को मजबूर हैं।