हिंद स्वराष्ट्र समाचारपत्र सूरजपुर जिला शिक्षा अधिकारी से प्राप्त जानकारी अनुसार हरिलाल कुर्रे , शिक्षक , एल . बी . शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला केशवपुर विकासखंड रामानुजनगर , जिला सूरजपुर , छत्तीसगढ़ के द्वारा विद्यालयीन समय में शराब का सेवन करने , छात्रों के साथ गाली – गलौच एवं दुर्व्यवहार किये जाने तथा अपने पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरती गई है । यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा ( आचरण ) नियम 1965 के नियम 23 के उल्लघंन के प्रथम दृष्टया दोषी हैं । अतः श्री कुर्रे को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा ( वर्गीकरण , नियंत्रण तथा अपील ) नियम 1966 के नियम 9 ( 1 ) के तहत् तत्काल प्रभाव से शासकीय सेवा से निलंबित किया जाता है । निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय , जिला बलरामपुर – रामानुजगंज नियत किया जाता है । निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। निर्णय ले रहे जिला शिक्षा अधिकारी
पक्षपात भरा निर्णय ले रहे शिक्षा विभाग के अधिकारी
जब शराब पीकर स्कूल आने और गलत बर्ताव करने पर एक शिक्षक निलंबित हो सकता है तो फिर बच्चों से मजदूरी कराने वाला शिक्षक निलंबित क्यों नहीं हो सकता, न्यूज़ में साक्ष्य है जो स्पष्ट करते हैं की चंद्रदेव पाण्डेय बाल मजदूरी करा रहा है तो फिर उसे रिश्ते संबंध के नाम पर छोड़ना कहां तक सही है। आखिर उच्च अधिकारी अपने संबंधों को अपने कर्तव्य से बढ़कर क्यों तौल रहे हैं क्या संबंध कर्तव्य से बढ़कर है जो अबतक चंद्रदेव पाण्डेय सुरक्षित बैठा हुआ है।
क्या कार्यवाही के लिए कर रहे हैं किसी शुभ मुहूर्त का इंतजार
जब बच्चों का काम करते हुए वीडियो सामने आ चुका है तो आरोपी शिक्षक के उपर कार्यवाही करने करने के लिए शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी किस मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं वह समझ से परे है,इस प्रकार से लीपापोती करके शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी क्या साबित करना चाहते हैं ये समझने की जरूरत नही है।